हम तेरे शहर में आये हैं मुसाफिर की तरह | Ghulam Ali Ghazals | Hum Tere Shahar Mein Aaye Hain |
दर्द भरी ग़ज़ल || हम तेरे शहर में आए हैं मुसाफ़िर की तरह | धीरज कान्त ग़ज़ल || Ham tere shahar me
हम तेरे शहर में आए हैं मुसाफिर की तरह। डिंपल भूमि। Hum Tere Sahar Me Aaye Hai | #dimpal_bhumi_gazal
#हम तेरे शहर में आए है मुसाफिर की तरह #